Saturday, February 16, 2013
यशोमती" मईया से बोले नंदलाला
❥ ´¯`•.❥◡Hare Krishna ~ Jai Shri Krishna * ❥.❥
"यशोमती" मईया से बोले नंदलाला।
"राधा" क्यों गोरी मैं क्यों काला।।
बोली मुस्काती ललन को बतया।
काली अंधियारी आधी रात में तूं आया।।
संवारा सलोना मेरा काली कमली वाला।
इसी लिए काला...........
"राधा" क्यों गोरी मैं क्यों काला।।
बोली मुस्काती ललन को बतया।
काली अंधियारी आधी रात में तूं आया।।
संवारा सलोना मेरा काली कमली वाला।
इसी लिए काला...........
❥ ´¯`•.❥◡Hare Krishna ~ Jai Shri Krishna * ❥.❥
Wednesday, February 13, 2013
किसी गांव में दो भाई रहते थे । पुरानी कथा
बहुत पुरानी कथा है । किसी गांव में दो भाई रहते थे ।
बडे की शादी हो गई थी । उसके दो बच्चे भी थे । लेकिन छोटा भाई अभी कुंवारा था । दोनों साझा खेती करते थे ।
एक बार उनके खेत में गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई । दोनों ने मिलकर फसल काटी और गेहूं तैयार किया ।
इसके बाद दोनों ने आधा-आधा गेहूं बांट लिया । अब उन्हें ढोकर घर ले जाना बचा था । रात हो गई थी, इसलिए यह काम अगले दिन ही हो पाता । रात में दोनों को फसल की रखवाली के लिए खलिहान पर ही रुकना था । दोनों को भूख भी लगी थी ।
दोनों ने बारी-बारी से खाने की सोची । पहले बड़ा भाई खाना खाने घर चला गया ।
छोटा भाई खलिहान पर ही रुक गया । वह सोचने लगा- भैया की शादी हो गई है, उनका परिवार है, इसलिए उन्हें ज्यादा अनाज की जरूरत होगी ।
यह सोचकर उसने अपने ढेर से कई टोकरी गेहूं निकालकर बड़े भाई वाले ढेर में मिला दिया ।
बड़ा भाई थोड़ी देर में खाना खाकर लौटा । उसके बाद छोटा भाई खाना खाने घरचला गया ।
बड़ा भाई सोचने लगा - मेरा तो परिवार है, बच्चे हैं, वे मेरा ध्यान रख सकते हैं
लेकिन मेरा छोटा भाई तो एकदम अकेला है, इसे देखने वाला कोई नहीं है ।
इसे मुझसे ज्यादा गेहूं की जरूरत है
। उसने अपने ढेर से उठाकर कई टोकरी गेहूं छोटे भाई वाले गेहूं के ढेर में मिला दिया!
इस तरह दोनों के गेहूं की कुल मात्रा में कोई कमी नहीं आई। हां, दोनों के आपसी प्रेम और भाईचारे में थोड़ी और वृद्धि जरूर हो गई ।
Tuesday, February 12, 2013
हे प्रभू ...
हे प्रभू ...
नही चाहिए हमारे देश को....
पश्च्चिम देशो के जैसा विकास,
तन पर ना आधे-अधूरे लिबास,
चाहिए नही है चमक -दमक ,
न अनगिनित पैसो की खनक,
किसी पर नही हमे रौब चाहिए,
न किसी पर हमारा खौफ चाहिए,
नही चाहिए अब कोई विकृति,
लौटा दो हमे हमारी -संस्कृति.
हमे चाहिये तो बस....
वो आपस का भाई चारा,
मेरा प्यारा, भारत न्यारा,
हर दिल में हो देश -भक्ति,
दे दो वो वीरो की सी शक्ति,
पुरे विश्व मे लहराये तिरगें की शान,
हर नज़र में बना रहे बहनों का मान,
हो उन्हें सम्मान से जीने का हक,
न रहे मेरे देश में अब कोई भी रंक,
बच्चा देश का ,कोई भी भूखा ना सोये ,
कोई माँ अब, बेटियों के दुःख से न रोये,
हे प्रभु ...
नही चाहिए हमारे देश को....
पश्च्चिम देशो के जैसा विकास,
तन पर ना आधे-अधूरे लिबास,
चाहिए नही है चमक -दमक ,
न अनगिनित पैसो की खनक,
किसी पर नही हमे रौब चाहिए,
न किसी पर हमारा खौफ चाहिए,
नही चाहिए अब कोई विकृति,
लौटा दो हमे हमारी -संस्कृति.
हमे चाहिये तो बस....
वो आपस का भाई चारा,
मेरा प्यारा, भारत न्यारा,
हर दिल में हो देश -भक्ति,
दे दो वो वीरो की सी शक्ति,
पुरे विश्व मे लहराये तिरगें की शान,
हर नज़र में बना रहे बहनों का मान,
हो उन्हें सम्मान से जीने का हक,
न रहे मेरे देश में अब कोई भी रंक,
बच्चा देश का ,कोई भी भूखा ना सोये ,
कोई माँ अब, बेटियों के दुःख से न रोये,
हे प्रभु ...
Saturday, February 9, 2013
Thursday, February 7, 2013
जयराम जी की।
आजकाल जांवा जठै ही hii, hello, janu, dear, h r u......,
फेसबुक खोलता पाण sms
रै मांय भी ऐ ही 5-7 नाम बांचवा नै मिलै। एक बार आप सगळा विचार करौ की
आपणा बडेरा(पूर्वज) ईँया हाय हैलो, जानु डार्लिँग, करता कै। सच्चाई तो या
है की घणकरा रा बडेरा तो अंगुठा छाप हा, बावजूद ईँगै चोखी स्कूल मेँ पढाया
ताकी कुटुम्ब रै मान-सम्मान रै साथ संस्कार भी नि भूले। पण आज री युवा
पीढी रै लिए सो क्योँ दोलत और हाय-हैलो ही है।
या सच्चाई है कोई नाराज हुओ तो एकर कौनी लाख बार हुओ भलेइ। साफ कैवणो अर सीधो रैवणो"।
धन्यवाद.http://www.google.co.in/
Wednesday, February 6, 2013
Sharma |
आप के संग हँसने लगे तो आँसू दूर हुए,
बस आप जैसे दोस्त की बदौलत,
आज हम काँच से कोहिनूर हुए.
02.रोशनी हो तो दिया जलता है.
शम्मा हो तो परवाना जलता है.
रिश्ते ना हों तो दिल जलता है.
रिश्ता आप जैसे से हो तो ज़माना जलता है.
03.साँसें बन के साथ निभायांगे,
कोशिश रहेगी के आपको नही सताएँगे
कभी पसंद ना आए साथ हमारा तो बता देना,
महसूस भी नही कर पाओगे इतना दूर चले जाएँगे.
04.ज़िंदगी रोज नये रंग मे ढलती है,
कभी दुश्मन कभी दोस्त लगती है,
कभी बरस जाए घटा बे मौसम,
कभी बूँद-बूँद को तरसती है
05.आप ही से दोस्ती
आप ही का इंतज़ार
आप ही से मिलने को दिल रहता हे बेकरार
आपकी ये सादगी आपका ये प्यार
जीवन भर ना भूल पाएँगे इस दोस्ती को यार
06.डर लगता है किसी को अपना बनाने मे.
डर लगता है कुछ वादे निभाने मे.
प्यार तो एक पल मे हो जाता है,
बस उमर लग जाती है उसे भुलाने मे
लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया.
Tu Chand Aur Main Sitara Hota,
Aasmaan Mein Ek Aashiyana Humara Hota,
Log Tumhe Door Se Dekhte,
Nazdeeq Se Dekhne Ka Haq Bas Humara Hota..
लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया
Aasmaan Mein Ek Aashiyana Humara Hota,
Log Tumhe Door Se Dekhte,
Nazdeeq Se Dekhne Ka Haq Bas Humara Hota..
मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर,
लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया
चाहत नहीं छिपेगी इसे लाख छिपाओ,
खुशबू पे किसी फूल का पहरा नहीं होता.
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